सुबह सब जल्दी उठ कर तैयार हो गए | एयरपोर्ट के लिए टैक्सी रात को ही बुक कर दी थी |टैक्सी समय से पहले ही पहुँच गई | जल्दी से अपार्टमेंट ठीक किया अपना सामान उठा कर और निर्धारित स्थान पर चाबी छोड़ कर हम नीचे आए और सामान रख चल पड़े | टैक्सी वाला अंग्रेजी बोल सकता था अतः उससे बातचीत करने में कठिनाई नहीं हो रही थी | शहर सोया हुआ था केवल बत्तियाँ जगमगा रही थी | दूर Eiffel Tower की लाइट दिखाई पड़ रही थीं | पूर्व में लालिमा फैल रही थी | यहाँ सर्दियों में जहाँ सूर्य देर से निकलता है और शाम तीन-चार बजे ही अंधेरा घिर आता है वहाँ गर्मियों में सूर्य जल्दी निकलता और सूर्यास्त भी शाम को बहुत देर से होता है | Seine नदी चुपचाप बहती जा रही थी बिना किसी तैरती नाव या क्रूज के, अपने में डूबी शांत | लहरों के साथ लालिमा खिलवाड़ करती हुई | कहीं- कहीं कोई जॉगिंग करता या इक्का -दुक्का लोग सैर करते दिखाई पड़ रहे थे | भागती टैक्सी से सब कुछ निहारते कब एयरपोर्ट पर पहुँच गए पता ही नहीं लगा |सामान उतार कर टैक्सी की पेमेंट की और अंदर प्रवेश किया |मेरी फ्लाइट 10 बजे की थी और बच्चों की 8 बजे की मेरे पास अभी काफी समय था पर मुझे मेरे टर्मिनल पर छोड़ कर फिर अपने टर्मिनल पर गए | मिलन और विछोह मानव के जीवन के अभिन्न अंग हैं | जहाँ सप्ताह पूर्व मिलन की खुशी थी वहाँ आज बिछुड़ने का दुख | अपने अश्रु छिपा कर मैंने उन्हे विदा दी |
मैं अपना सामान लिए इधर-उधर टहलती हार थक कर एक स्थान पर बैठ गई | प्रतीक्षा के क्षण समाप्त हुए और बोर्डिंग अनाउन्स हुई | छुटपुट शॉपिंग की ड्यूटी फ्री शॉप से arainna के लिए मकरूनस लिए और फिर लौट चले देश को | फ्लाइट में कुछ सोते कुछ खाते कुछ पढ़ते टीवी देखते 9 घंटे का समय कट गया और दिल्ली पहुँच गए | इमिग्रेशन के बाद बाहर आई तो क्षितिज , स्वाती arainna बाहर प्रतीक्षा में थे | घर बातें करते करते पहुँच गए |
यात्राएं अपनी स्मृतियाँ छोड़ जाती हैं | फ़्रांस अपनी राजनैतिक, सांस्कृतिक, कला, फैशन आदि के कारण सदैव चर्चा में रहा है |विश्व के हर उभरते चित्रकार के मन की तीव्र इच्छा होती है कि वह पेरिस जाकर अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित करे और फैशन माडलिंग करने वाले की इच्छा फैशन शो में हिस्सा लेने की | मैं केवल घूमने की इच्छा से गई थी इसलिए मैंने इस बेहद रोमांटिक शहर को एक पर्यटक की दृष्टि से देखा |