वर्ष 2020 विश्व इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।वास्तव में ज़िन्दगी का दूसरा नाम परिवर्तन है ।सत्तर के दशक का एक प्रसिद्ध गीत है-
ज़िन्दगी एक सफ़र है सुहाना
यहाँ कल क्या हो किसने जाना
सच किसको पता था कि नव वर्ष अपने साथ सम्पूर्ण संसार के लिए ऐसी प्राकृतिक आपदा लेकर आएगा ।उतार-चढ़ाव ,उत्थान -पतन ,सुख-दुःख सृष्टि के नियम हैं उससे कैसा घबराना ।जीवन के हर कठिन प्रश्न का जीवन से ही हल मिलता है ।दिन-रात ,सूर्योदय-सूर्यास्त ,चाँदनी -नीलाभ गगन- चाँद-तारे ,बदलती ऋतुऐं प्रकृति का यह रूप आकर्षक है तो अनगिनत वर्षों से मानव-जाति द्वारा निरंतर कुचली जा रही प्रकृति के क्रोध का , उसके भयंकर रूप को भी स्वीकार करना पड़ेगा ।समुद्र गरजता है तो शांत निर्मल सागर मन को असीम शांति भी देता है , गरजते -बरसते बादल नदियों के जल को बाढ़ में बदल देते हैं तो तपती धरा को शान्त भी करते हैं ।विश्वास की प्रार्थना अंधकार के हर बंधन को तोड़ने में समर्थ होती है ।विश्वास रखिए -हम होंगे कामयाब