मानव जाति दुविधा मॅ है,पथ कौन सा उत्तम है
यह वह नहीं जानती
एक पथ है घृणा ,वैमनस्य,वर्ग संघर्ष ,पतन
आतंकवाद भय ,जातिवाद,बर्बरता का
धर्म के नाम पर दुहाई दी जाति है यहां ।
एक दूसरा पथ है
वह है मिलन,शांति ,एकता, प्यार की बांट का,
खिले हुए मनॉ का ,जीवन का ।
इस दूसरे पथ पर गति है ,निरंतरता है
सिथरता का दूर-दूर तक अंदेशा नहीं ।
जीवन का दूसरा नाम चलना है , यही सत्य है ।
विश्व एक स्वर से पुकारता है-
हमॅ युद्ध नहीं शांति चाहिए,
हमॅ वैर नहीं प्यार चाहिए,
हमॅ भय नहीं जीवन चाहिए,
हमॅ अंधकार नहीं प्रकाश चाहिए
प्रकाश चाहिए ।
गति चाहिए अवरोध नहीं ,संशय नहीं
आत्मविश्वास चाहिए,
जीने का अधिकार चाहिए
उठो संशय के रेत के कगारॉ को तोड डालो ।
बनाओ एक पुख्ता नींव
जो प्रेम व शांति की हो
विश्व प्रेम की हो
एकता की हो
एकता की हो ।