श्री गुरूबायूरप्पन मंदिर की न्यू जर्सी मॅ स्थापना

रविवार १ जुलाई २०१२ को मोरगेनविली न्यू जर्सी मॅ ‘हिन्दुअम्रेरिकन टेम्पल एन्ड कल्चर सॅटर’ मॅ श्री कृष्ण मंदिर मॅ मूर्तियॉ की प्राण प्रतिष्ठा और महाकुम्भाभिषेकम का विशाल आयोजन हुआ । शुक्रवार २८ जून से ही प्रारम्भ हुए  उत्सव ४जुलाई को समाप्त हुए ।इस मंदिर मॅ प्रधान मूर्ति भगवान गुरूवायूरप्प्न की है पर इसके साथ ही गणेश जी,बालाजी और श्रीदेवी व भूदेवी,शिव और अम्बिका , सत्यनारयण, कृष्ण,दुर्गा,लक्ष्मी, सरस्वती,हनुमान आदि देवी-देवताऑ तथा नवग्रहॉ की मूर्तियॉ को भी स्थापित किया गया है ।सारी मूर्तियां ग्रेनाइट की बनी हैं तथा तमिलनाडु के मूर्तिकारॉ ने इन्हॅ बनाया है ।

यह मंदिर ४० एकड मॅ बना है ।ऊपर के तल पर मंदिर है तो निचले तल पर विभिन्न अवसरॉ पर प्रयोग किये जाना वाला कक्ष है जिसमॅ सब प्रकार की सुविधाऍ हैं ।गोशाल का निर्माण किया जा रहा है ।मई के महीने मॅ मूर्तियॉ को पहनाये जाने वाले वस्त्रॉ तथा आभूषणॉ तथा पूजा के लिए चांदी के बरतनॉ की जनता के लिए प्रदर्शनी लगाई गई जिससे लोग उन्हॅ देख भी पायॅ और अगर वे किसी का भी प्रयोजक बनना चाहॅ तो  ऐसा कर सकॅ ।

इस सात दिन के कार्यक्रम मॅ हवन ,पूजा, भजन गायन ,शलोक उच्चारण,कत्थक -ओडिसी,भारतनाट्यम -कुचीपुडी नृत्य ,सितारवादन तथा अन्य वाद्य-यन्त्रॉ का मधुर आनन्द सभी ने उठाया ।प्रतिदिन दो सत्र थे -सुबह ८ से १२ और शाम को ४ से ८.३० तक ।हर सत्र मॅ विशाल प्रसाद (एक प्रकार से भोजन का ही) आयोजन किया गया था ।अनेक स्त्री-पुरूष बच्चे सेवा करने मॅ जुटे थे ।दस हजार से अधिक दर्शनार्थी कुम्भाभिषेकम के दिन उपस्थित थे ।कार पार्किंग एक समस्या हो गई थी ।पुलिस,फायर -ब्रिगेड,एम्बुलेंस सब मौजुद थे । शाम के समय जब हाथी के ऊपर भगवान को बैठा कर यात्रा निकाली गई तो  हेलीकाप्टर से फूलॉ की वर्षा की गई। भारत से आए गायकॉ ने  पारम्परिक नादस्वरम गाया । भारत तथा विश्व के अनेक भागॉ से धार्मिक विद्वानॉ ने इस विशाल आयोजन मॅ हिस्सा लिया ।

Dr. Kiran Nanda

Dr. Kiran Nanda

Dr. Kiran Nanda did her graduation and post-graduation from Delhi university. She did her Ph.d. on 'sant kavya mai vidroh ka swar' from Delhi university. She has authored a number of books and published many travelogues.

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