विज्ञान और आस्था

मानव सभ्यता के प्रारंभ में धर्म का बोलबाला था पर  आधुनिक युग विज्ञान का युग है | विज्ञान तर्क पर आधारित है तो धर्म आस्था पर |विज्ञान निरंतर प्रकृति के रहस्यों को खोजने में जुटा है उसे क्यों का उत्तर चाहिए पर आस्था दूसरे स्तर पर कार्य करती है जिनका विज्ञान के पास कोई उत्तर नहीं ||विज्ञान में इस क्यों का अर्थ प्रेक्षण और वर्णन है अर्थात जटिल तथ्यों की  सरल व्याख्या |कथन की अपेक्षा उसकी परिणति में विश्वास |विज्ञान -विषय वर्णन,परीक्षण या अनुसंधान और परिणाम है |विज्ञान और तकनीक ने मानव को अनेकानेक सुख-सुविधाएं प्रदान की ,हमारे पूर्वजों की अपेक्षाकृत हमारा जीवन बहुत सरल बना दिया ,आधुनिक चिकित्सा प्रणाली ने मानव की आयु में वृद्धि कर दी  है |वैज्ञानिक असंभव शब्द में विश्वास नहीं करता -अगर जीतने की जिद है तो सफलता स्वयं झुक कर स्वागत करती है |जीवन परिवर्तनों का एक  समूह है अतः इसे स्वीकारो |हर परिवर्तन एक चुनोती है कुछ सफलता प्रदान करती हैं तो कुछ सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ने में सहायक |

आस्था के तार ह्रदय के साथ जुड़े हैं |प्रार्थना और विश्वास दोनों ही दिखाई नहीं पड़ते हैं पर इनमें इतनी शक्ति होती है कि  ये असंभव को भी संभव बना देते हैं |बचपन से ही विज्ञान की विद्यार्थी थी और रसायन विज्ञान प्रिय विषय था (कुछ अपरिहार्य परिस्थितियों के चलते साहित्य के क्षेत्र में आना पड़ा ) पर बचपन से ही  घोर आस्तिक इसे आप परिवार के संस्कार कहें या  ईश्वर के अस्तित्व में अथाह आस्था |मुझे विज्ञान और धर्म एक दूसरे के पूरक लगते हैं  |मैं  हर कार्य का कारण खोजने का प्रयास करती हूँ | ईश्वर में विश्वास करने के लिए तर्क को नहीं त्यागना पड़ेगा तर्क आस्था के साथ जुड़ा है |सही कहा गया है -a calm mind is the ultimate weapon against any challange in life |आस्था मन -मस्तिष्क को शांत व संतुलित रख सही पथ -प्रदर्शन करने में सक्षम है|विश्वास की प्रार्थना अंधकार के सारे बंधनों को तोड़ने में समर्थ है|स्पीड ब्रेकर कितना भी बड़ा क्यों न हो गति धीमी करने से झटका नहीं लगता मुसीबत कितनी ही बड़ी हो शांति और विश्वास से विचारने  पर जिंदगी में झटके नहीं लगते |रोग लाइलाज होने पर डाक्टर भी दुआ करने के लिए कहता है ,हम दूसरों की शुभ कामनाओं की सदा अपेक्षा करते हैं |वस्तुतः जो जिंदगी जी रहें हैं उनके लिए जीवन सबसे अच्छा है ,जो तुलना करते हैं उनके लिए कठिन और जो केवल आलोचना करते रहते हैं उनके लिए सबसे खराब क्योंकि हमारा अपना दृष्टिकोण ही जीवन के प्रति हमारे रुख को स्पष्ट करता है |मस्तिष्क की शांति ही एक सुंदर उपहार है जिसकी हम किसी और से अपेक्षा नहीं कर सकते पर हम स्वयं को दे सकते हैं |आज की इन कठिन  परिस्थितयो में जहाँ विश्व के सभी वैज्ञानिक kovid -19 महामारी के निदान को खोजने में रात – दिन जुटे हैं और मानव जाति ‘ कहाँ जाइ ,का करी ? “जैसी असमंजस की स्थिति में है और सृष्टि का नियंता हमें किसी अनुभव से गुजार रहा है तो हमें उसकी आवश्यकता है |अपने ईश्वर पर पूर्ण विश्वास रखें और उससे प्रार्थना करें कि आने वाला समय सबके लिए सुखद और स्वास्थमय हो -सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामय |

 

 

 

 

 

 

 

 

 

9|हर कार्य का एक कारण होता है और इसी आधार पर जीवन में कभी तर्करहित बात को स्वीकार नहीं कर पाई |

Dr. Kiran Nanda

Dr. Kiran Nanda

Dr. Kiran Nanda did her graduation and post-graduation from Delhi university. She did her Ph.d. on 'sant kavya mai vidroh ka swar' from Delhi university. She has authored a number of books and published many travelogues.

3 thoughts on “विज्ञान और आस्था

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