सुबह सब जल्दी उठ गये ।चाय का दौर चल रहा था नीति कहने लगी साथ रह कर ऐसा लग रहा है जैसे हम लोग भारत में आपके पास रहने आए हुए हैं ।आज साढ़े नौ तक Champ de Mars पर पहुँचना था जहाँ से Big Bus टूर ( पेरिस के दर्शनीय स्थान घूमने के लिए पर्यटन विभाग का पैकिज टूर) लेना था ।तैयार होकर नाश्ता किया ।पहले दिन शाम को हो baguette ( एक लम्बी पतली फ़्रेंच ब्रेड जिसमें मक्खन चीज़ आदि लगा कर खायी जाती है ) macarons,croissants आदि ले आये थे ।एक बैग में कुछ खाने -पीने का सामान और पानी की बोतलें रखी और चल पड़े ।बस मिलने का स्थान लगभग एक किलोमीटर था मेट्रो स्टेशन के साथ ही ।सड़क पर गाड़ियों की आवाजाही थी ,कुछ साइकल सवार भी थे और कुछ इलेक्ट्रिक स्कूटर सवार ( pollution friendly) ।हमें जिस स्थान से बस लेनी थी वहाँ पहुँच कर अद्भुत दृश्य देखा ।विश्व के सात आश्चर्यजनक स्थानो में से एक -Eiffel tower अपने पूर्ण रूप में दृष्टिगत हो रहा था ।कल शाम सात बजे वहाँ जाने की हमारी टिकिट थी ।टिकिट दिखा बस में ऊपर बैठे । गाइड था और हर सीट पर earphone और टूर का प्रोग्राम रखा था ।आप सुबह साढ़े नौ से शाम सात बजे तक किसी भी टूर के निर्धारित स्थान पर उतर कर फिर वहीं से बस ले सकते हैं ।गाइड अंग्रेज़ी में सब कुछ बताता चल रहा था ।
आज हमें Louvre Museum सबसे पहले जाना था क्योंकि ग्यारह बजे की हमारी टिकिट थी ।पेरिस फ़्रान्स की राजधानी के साथ साथ कला , फ़ैशन, पाककला , भोजन संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है । Eiffel Tower ,Nepolean war memorials और कुछ म्यूज़ीयम से गुज़रती बसहमारे गंतव्य PR पहुँच गयी ।अनेक पर्यटक उतरने वाले थे कुछ चढ़ने वाले थे पर धक्कामुक्की नहीं ।
समय था और चलना भी था मंज़िल तक पहुँचने के लिए ।भारत में थोड़ी दूरी तय करने के लिए रिक्शा ऑटो उपलब्ध हैं पर यहाँ सुविधा नही ।Louver palace में संसार की सर्वश्रेष्ठ कलाकृतियों का संचयन है सबसे बड़ा कला म्यूज़ीयम है ।एक ऐतिहासिक इमारत है ,पेरिस शहर का एक मुख्य स्थान जिसकी कुछ दूरी पर seine नदी बहती है ।अनेक रास्तों से इसमें आप प्रवेश कर सकते हैं ।सप्ताह का मध्य था पर बहुत भीड़ थी ।सभी कर्मचारी बड़ी मुस्तेदी से सबको नियंत्रित कर रहे थे ।कही elevator कहीं सीढ़ियाँ कहीं समतल क़तार में चलते -रुकते सभ्यता के भिन्न रूपों को काँसे की मूर्तियों ,स्तूपों , दीवारों पर बने चित्रों ,विभिन्न प्रकार के आभूषणों , वेशभूषाओं प्राचीनफ़र्नीचर ,टैपस्ट्री में महल के अनेक तलों से गुज़रते निहारते अंत में हम उस मुस्कान की झलक जिसकी क़ीमत डॉलर 830मिलियन है-उस कक्ष में आ पहुँचे ।बहुत अधिक सुरक्षित कलाकृति एक मिनट का समय सेल्फ़ी भी ली और जल्दी जल्दी फ़ोटो भी खींची ।फिर लाइन से बाहर निकल कर दूर से निहारा कि इटली के कलाकार ,वैज्ञानिक Leonardo Da Vinci ने कैसी अद्भुत कृति बनाई जिसका इतना अधिक मूल्य सुरक्षा और प्रसिधि ।धन्य है कलाकार ।कुछ अन्य चित्रों को देखते हुए बाहर आगये।
तीन बजने वाले थे भूख लग आई थी म्यूज़ीयम में भी रेस्टौरेंट थे भीड़ बहुत थी अतः पास ही एक Italian रेस्टौरेंट में खाना खाया icecream खा कर अपनी बस की इन्तज़ार में खड़े हो गये ।
रास्ते में Notre Dame de चर्च पर उतर गये ।गॉथिक शैली में निर्मित १२वीं शताब्दी का इस Catholic चर्च में कुछ समय पूर्व आग लग जाने के कारण सामन्य जनता का प्रवेश वर्जित है ।अतः बाहर खड़े हो कर इसको देखा और फिर बस लेकर आवास पर लौट आए ।विश्राम किया ।
शाम को फिर चले Champ de Mars ।यह एक बहुत बड़ा पार्क है -फ़व्वारे पेड़ पोधे फ़ूल जलाशय से सुसज्जित ।कहीं कोई सामान बेच रहा है कहीं युवाओं की टोली मस्ती कर रही है कोई गिटार बजा कर गा रहा है कहीं दूल्हा -दुल्हन की प्री वेडिंग फ़ोटो शूट चल रही है ।जेबकतरे भी थे बार बार सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा था ।अभी लेज़र शो में समय था ।एक कोने में कुछ शोर भी था और सुर भी जाना पहचाना ।वहाँ जाने पर देखा कि दो अफ़्रीकी युवक गिटार पर कभी ख़ुशी कभी ग़म फ़िल्म का ‘बोले चूड़ियाँ बोले कंगना ‘ गीत की धुन बजा रहें हैं जिस पर लोग थिरक रहे थे । देश की याद आ गई ।पार्क के बाहर अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ बेचने वाले खड़े रहते हैं ।वातावरण में मिली-जुली गंध फैली थी । इस पार्क के पास एक विस्तृत गोल चक्कर है जहाँ अनेको कैफ़े और रेस्टौरेंट थे ।घूमने पर एक भारतीय लगा जिसे पाकिस्तानी मूल के दो व्यक्ति चलाते हैं ।भारतीय परिवेश हिन्दी गाने प्याज़ का सलाद चटनी पराँठे गोभी की सब्ज़ी शाही पनीर मखनी दाल क़ुल्फ़ी और बाद में मिश्री सौनफ ।आनन्द आ गया ।लेज़र शो दूर से देखा ।थके थे सो लौट आये ।