दो दिन पूर्व २२ वर्षीय फोटो जर्नलिस्ट के साथ मुम्बई मॅ हुए सामूहिक बलात्कार ने हमारा सिर शर्म से झुका दिया है ।मुम्बई को दिल्ली की अपेक्षा स्त्रियॉ के लिए अधिक सुरक्षित कहा जाता था पर शाम के समय अपनी assignment को अपने साथी के साथ पूरा करने के लिए गई युवती के साथ घटी शर्मनाक घटना ने अनेक प्रशन मन मॅ उतपन्न कर दिए हैं ।क्या हम सभ्य समाज के हैं ? उस समाज के जहां नारी को पूजा जाता है ।क्या हम बर्बर हैं जिनके लिए शारीरिक भूख ही सब कुछ है ।एक दरिंदे से लडने की शक्ति तो शायद हो सकती है पर पांच पर काबू पाना अकेले असंभव है ।फिर क्या करें हमारी बेटियां ? क्या उन्हॅ हम घरॉ मॅ बैठा लें ,घर से बाहर जाने पर रोक -टोक लगा दॅ । आज आवशयकता है मानसिक सोच बदलने की ,नारी को सम्मान देने की, आत्म-रक्षा के अनेकानेक उपाय सिखाने की और सबसे जरुरी है दोषियॉ को कडी से कडी सजा अति शीघ्र दिलवाने की जिससे फिर इस तरह की घटना घटित न हो ।